अपने सम्मान वापिस लौटाने वाले लेखक कौन है

सभी उदाहरण NCERT की 2 साल पुरानी पुस्तकों से हैं.

1-वैदिक काल में विशिष्ट अतिथियों के लिए गोमांस का परोसा जाना सम्मान सूचक माना जाता था।

(कक्षा 6-प्राचीन भारत, पृष्ठ 35, लेखिका-रोमिला थापर)

2-महमूद गजनवी ने मूर्तियों को तोड़ा और इससे वह धार्मिक नेता बन गया।

(कक्षा 7-मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 28)

3-1857 का स्वतंत्रता संग्राम एक सैनिक विद्रोह था।

(कक्षा 8-सामाजिक विज्ञान भाग-1, आधुनिक भारत, पृष्ठ 166, लेखक-अर्जुन देव, इन्दिरा अर्जुन देव)

4- महावीर 12 वर्षों तक जहां-तहां भटकते रहे। 12 वर्ष की लम्बी यात्रा के दौरान उन्होंने एक बार भी अपने वस्त्र नहीं बदले। 42 वर्ष की आयु में उन्होंने वस्त्र का एकदम त्याग कर दिया।

(कक्षा 11, प्राचीन भारत, पृष्ठ 101, लेखक-रामशरण शर्मा)

5-जाटों ने, गरीब हो या धनी, जागीरदार हो या किसान, हिन्दू हो या मुसलमान, सबको लूटा।

(कक्षा 12 – आधुनिक भारत, पृष्ठ 18-19, विपिन चन्द्र)

6-रणजीत सिंह अपने सिंहासन से उतरकर मुसलमान फकीरों के पैरों की धूल अपनी लम्बी सफेद दाढ़ी से झाड़ताथा।

(कक्षा 12 -पृष्ठ 20, विपिन चन्द्र)

7-आर्य समाज ने हिन्दुओं, मुसलमानों, पारसियों, सिखों और ईसाइयों के बीच पनप रही राष्ट्रीय एकता को भंग करने का प्रयास किया।

(कक्षा 12-आधुनिक भारत, पृष्ठ 183, लेखक-विपिन चन्द्र)

8-तिलक, अरविन्द घोष, विपिनचन्द्र पाल और लाला लाजपतराय जैसे नेता उग्रवादी तथा आतंकवादी थे

(कक्षा 12-आधुनिक भारत-विपिन चन्द्र, पृष्ठ 208)

9-400 वर्ष ईसा पूर्व अयोध्या का कोई अस्तित्व नहीं था। महाभारत और रामायण कल्पित महाकाव्य हैं।

(कक्षा 11, पृष्ठ 107, मध्यकालीन इतिहास, आर.एस. शर्मा)

10-वीर पृथ्वीराज चौहान मैदान छोड़कर भाग गया और जयचन्द गोरी के खिलाफ युद्धभूमि में लड़ते हुए मारा गया।

(कक्षा 11, मध्यकालीन भारत, प्रो. सतीश चन्द्र)

11-औरंगजेब जिन्दा पीर थे।

(मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 316, लेखक-प्रो. सतीश चन्द्र)

12-राम और कृष्ण का कोई अस्तित्व ही नहीं था। वे केवल काल्पनिक कहानियां हैं।

(मध्यकालीन भारत, पृष्ठ 245, रोमिला थापर)

(ऐसे दर्जनों आपत्तिजनक बिन्दु और भी हैं)
इतिहास की किताबों से रोमिला थापर जैसी लेखको ने मुसलमानों द्वारा धर्म के नाम पर काफ़िर हिन्दुओं के ऊपर किये गये भयानक अत्याचारों को गायब कर दिया है. नकली धर्मनिरपेक्षतावादी नेताओं की शह पर झूठा इतिहास लिखकर एक समुदाय की हिंसक मानसिकता पर जानबूझकर पर्दा ड़ाला जा रहा है. इन भयानक अत्याचारों को सदियों से चली आ रही गंगा जमुनी संस्कृति, अनेकता में एकता और धार्मिक सहिष्णुता बताकर नौजवान पीढ़ी को धोखा दिया जा रहा है. उन्हें अंधकार में रखा जा रहा है. भविष्य में इसका परिणाम बहुत खतरनाक होगा क्योकि नयी पीढ़ी ऐसे मुसलमानों की मानसिकता न जानने के कारण उनसे असावधान रहेगी और खतरे में पड़ जायेगी.
सोचने का विषय है कि आखिर किसके दबाव में सत्य को छिपाया अथवा तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है????

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