पढ़े और खुद विचार करें….!
1. विश्व में लगभग 56 मुस्लिम देश हैं, एक भी हज के लिये “सब्सिडी” नही देता और न किसी देश में हिन्दुओं के लिये विशेष कानून है जैसे भारत में मुसलमानों के लिये ।
2. किसी भी देश का नाम बताइये जहाँ 85% बहुसंख्यक को याचना करनी पड़ती है 15% अल्पसंख्यकों को संतुष्ट करने के लिए।
3. किसी भी मुस्लिम देश का राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री गैर- मुस्लिम नही ।
4. किसी “मुल्ला” या “मौलवी”ने आतंकवादियों के खिलाफ़ फ़तवा नही किया आज तक।
5. महाराष्ट्र, बिहार, केरल जैसे हिन्दू बहुल राज्यों में मुख्यमन्त्री मुस्लिम हो चुके हैं, “कश्मीर” में कोई हिन्दू क्यों नही ?
6. 1947 में पाकिस्तान में हिन्दू जनसंख्या 24% थी, अब 1% रह गई है, उसी समय तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब आज का अहसान फ़रामोश बांग्लादेश) में हिन्दू जनसंख्या 30% थी जो अब 7% से भी कम हो गई है ।
क्या हुआ गुमशुदा हिन्दुओं का ? क्या वहाँ और यहाँ कहीँ भी हिन्दुओं का कोई मानवाधिकार हैं ?
जबकि इस दौरान भारत में मुस्लिम जनसंख्या 10.4% से बढकर 14.2% हो गई है, क्या वास्तव में हिन्दू कट्टरवादी है?
7. यदि हिन्दू असहिष्णु हैं तो कैसे हमारे यहाँ मुस्लिम सड़को पर नमाज पढ़ते है, लाऊडस्पीकर पर दिन-भर चिल्लाते रहते हैं कि “अल्लाह के सिवाय और कोई शक्ति नहीं है” ?
8. गांधीजी – “सोमनाथ मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिये देश के पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिये”।
लेकिन 1948 में ही दिल्ली की मस्जिदों को सरकारी मदद से बनवाने के लिए नेहरू और पटेल पर दबाव बनाया गया, क्यों???
9. कश्मीर, नागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय आदि में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं, क्या उन्हें कोई विशेष सुविधा मिलती है ?
10. हज के लिये “सब्सिडी” मिलती है, जबकि मानसरोवर और अमरनाथ जाने पर टैक्स देना पड़ता है, क्यों ???
11. मदरसे और क्रिश्चियन स्कूलों में बाईबल और कुरान पढ़ा सकते हैं, तो फिर सरस्वती शिशु मन्दिरों में और बाकि स्कूलों में “श्रीमद्भगवतगीता” क्यों नहीं पढ़ाई जा सकती?
14. गोधरा के बाद मीडिया में जो हंगामा हुआ वैसा हंगामा कश्मीर के चार लाख हिन्दुओं की मौत पर क्यों नही हुआ ?