जी हाँ 50 साल में पहली बार केंद्र के शासन के बूते हिन्दुस्तान का जवान खून घाटी में खड़ा होकर हिम्मत दिखा रहा है, परहली बार ऐसा हुआ है की केंद्र के कदम उठने पर और सेना के कब्ज़े पर चुप हैं कश्मीर के मुख्यमंत्री शायद ये है खौफ बदलाव का जो की दिखाई दिया है नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बन्ने के बाद।
हम यहाँ मोदी भक्त नहीं हैं पर लेख लिखते हुए भी एक हिम्मत आ रही है और शुक्रगुज़ार है जागरूक इंडियन की पूरी टीम केंद्र की शक्तिशाली सरकार की की उन्होंने चुप्पी की उस परंपरा को तोड़कर कस्मीर की धरती पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद कजने वालों को खौफ का डोज़ दे दिया है। और ये बता दिया है की नरेंद्र मोदी सरकार को कमज़ोर कहने वाले ये गलती और न करें क्यूंकि शायद इस बार महबूबा मुफ़्ती को मोदी सरकार की शर्तों पर मुख्यमंत्री बनाया गया है जो की इस घटनाक्रम से सिद्ध भी होआ है। दुआ है की ये नज़ारा सब जगह हो। पूरे कश्मीर में हिंदुस्तानी आवआज उठाइए।