पश्चिम बंगाल के पूर्व मिदनापुर जिलांतर्गत तमलुक के श्रीराम गांव के हिंदुओं को भयानक जिहादी हमले का शिकार होना पड़ा। वहां मुस्लिमों ने हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। हिंदुओं के घरों में स्थित तुलसी मंच, मंदिरों के देवी-देवताओं की मूर्तियां बिना भेद-विचार किए तोड़ी गईं । स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि श्रीरामपुर गांव के निकटवर्ती बाहिर खोप इलाका मुस्लिम बहुल है। इससे पहले सरस्वती पूजा के दौरान भी हिंदू-मुस्लिमों के बीच छोटे-मोटे विवाद हो चुके थें। इसके अतिरिक्त स्थानीय निवासियों ने बताया कि किसी भी घटना में वहां के मुसलमान राज-सत्ता को हथियार बनाकर हिंदुओं को निशाना बनाते हैं।
इस बार भी अपवाद नहीं हुआ ।
घटना की शुरुआत 28 फरवरी को बाहिर खोप गांव के फारुख नामक एक मुस्लिम के लापता होने को लेकर हुई। उस दिन मुस्लिमों ने उक्त व्यक्ति के लापता होने में हिंदुओं के हाथ होने की अफ़वाह फैलाकर रास्ता रोककर विरोध प्रदर्शन किया। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती भी की गई थी। लेकिन दूसरे दिन 1 मार्च को एक पोखर (तालाब) में फारुख की लाश मिली, जिसके बाद ही बाहिर खोप के मुस्लिमों ने हिंदुओं के गांव श्रीरामपुर पर हमला बोल दिया। मुसलमानों की उग्र भीड़ ने हिंदुओं के एक के बाद एक मकानों में पेट्रोल डालकर आगजनी शुरू कर दी। स्थानीय निवासियों के अनुसार पूर्व नियोजित ढंग से मुस्लिमों ने सब्बल,कुदाली से लैस होकर हिंदुओं पर हमले किए,एक के बाद एक मंदिरों में तोड़फोड़ की।इस घटना के चलते पूरे गांव के हिंदुओं में आतंक का माहौल है। दहशत की वजह से अनेक हिंदू परिवार गांव छोड़ चुके हैं। गांव में पुलिस पिकेट स्थापित की गई है।