
हिंदू संहति के सक्रिय कार्यकर्ता शिबू राजबंशी पूर्वी बर्दवान (पश्चिम बंगाल) में समुद्रगढ़ रेलवे स्टेशन से सटे टोटो स्टैंड पर एक टोटो चालक है।जब से चुनाव परिणाम घोषित किए गए हैं तब से ही यूनियन द्वारा उन्हें अपना टोटो चलाने या यात्रियों को लेने की अनुमति नहीं दी गयी । 1 जुलाई को, यूनियन नेता अभिजीत मिस्त्री ने स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर दूर गोआलपारा चौराहे पर यात्रियों को ले जाने के दौरान शिबू को अपमानित किया, उनके साथ गाली-गलौच की। उन्होंने यह धमकी भी दी कि शिबू को किसी भी हालत में यात्रियों को ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों में कहासुनी और फिर हाथापाई होने लगी।
एक समय के प्रभावशाली कांग्रेसी नेता #शौकतखान के दो भतीजे बबला खान और मिठू खान, अभिजीत मिस्त्री की ओर से यह सोचकर लड़ने आए कि उन्हें हिंदू संहति के कार्यकर्ता शिबू को पीटने का मौका मिल गया है। अकेले शिबू से एक साथ तीनों भिड़ गए। लेकिन सप्ताह में एक बार सूअर का मांस खाने वाले शिबू की शारीरिक बल के आगे उन तीनों की एक न चली। टोटो यूनियन के एक अन्य नेता बीरेन घरामी ने उन तीनों की ओर से पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई कि शिबू ने उन्हें बुरी तरह पीटा है। 9 जुलाई को जानबूझकर मेडिकल रिपोर्ट जमा नहीं की गई ! #नादनघाट पुलिस द्वारा 16 जुलाई को कालना कोर्ट में पेश की गई चोट की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिबू की अत्यधिक पिटाई से यूनियन नेता अभिजीत मिस्त्री के सिर में चोट लगी थी और उनके पैर की हड्डी भी टूट गई थी । 1 जुलाई को शिबू की गिरफ्तारी की खबर मिलने पर हिंदू संहति के अध्यक्ष #देबतनुभट्टाचार्य ने कहा कि हिंदू संहति शिबू की जमानत के लिए सभी आवश्यक कानूनी कदम उठाएगी। साथ ही जमानत मिलने तक हिंदू संहति शिबू के परिवार का सारा खर्च भी वहन करेगी। हिंदू संहति द्वारा कालना कोर्ट के वरिष्ठतम वकील गौतम गोस्वामी की नियुक्ति की गई । 1,9,16 जुलाई – इन तीनों दिन पुलिस कोर्ट में शिबू की जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई। गौतम बाबू को पुलिस कोर्ट की अगली तारीख का इंतजार किए बिना जज कोर्ट में आवेदन करने को कहा गया। इसी के तहत इस महीने की 23 तारीख को वहां सुनवाई हुई थी। लेकिन उस दिन समुद्रगढ़ में एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। इसलिए पुलिस की ओर से चोट रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी। हिंदू संहति निराश नहीं हुई। कोलकाता से आए केंद्रीय स्तर के कार्यकर्ता कालना कोर्ट और समुद्रगढ़ में शिबू के परिवार के संपर्क में रहे । अगली सुनवाई 26 जुलाई यानी आज होनी थी। आखिरकार आज सफलता मिली । शिबू राजबंशी को जमानत मिल गई है। जेल से छूटने के साथ ही संगठन की ओर से फूलों की माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया गया। संगठन के कार्यकर्ता भी उनके घर पहुंचे और बधाई दी। हम आज संतुष्ट हैं, खुश हैं।

