आज संस्था के संस्थापक स्वर्गीय तपन घोष जी को हिन्दू संहति की ओर से सम्मान के साथ याद किया गया। विभिन्न स्थानों में संगठन के कार्यकर्ताओं ने उनके आदर्शों और कार्य नैतिकत्व के बारे में गंभीर चर्चा के माध्यम से उन्हें याद किया और तपन दा के चित्र पर माल्यार्पण किया तथा पुष्प अर्पित की। हिन्दू संहति की केन्द्रीय समिति के पदाधिकारियों ने शाम 7 बजे से हिन्दू संहति (जादवपुर) के मुख्य कार्यालय में तपन दा की स्मृति में आयोजित एक गोष्ठी में भाग लिया। संगठन की शुरुआत से ही तपन घोष जी ने बंगाल के हिंदू समाज को संदेश दिया कि यह रास्ता संघर्ष का रास्ता है – जिहादी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध का रास्ता। संगठन के गठन के पहले वर्ष में ही, दक्षिण 24 परगना (पश्चिम बंगाल) के गंगासागर में प्रथम कार्यकारिणी की बैठक के दौरान जिहादी ताकतों के साथ भीषण संघर्ष हुआ और जिसके अपरिहार्य परिणामस्वरूप कार्यकर्ताओं को जेल, अदालत आदि मुसीबतें भी झेलनी पड़ीं। वर्तमान हिंदू संहति के केंद्रीय महासचिवों में से एक सुंदर गोपाल दास, जो उस समय तपन दा के साथ जेल में थे, ने घटना का विस्तृत विवरण दिया। हिंदू संहति के केंद्रीय सह अध्यक्षों में से एक डॉ अभिषेक बनर्जी ने अपने स्वयं के अनुभवों से तपन घोष जी के जीवन का सुखद विवरण दिया कि – उनके दिल में संगठन के सभी कार्यकर्ताओं के लिए अपार स्नेह था और उन्होंने सभी का मार्गदर्शन करने का प्रयास किया। सभी को सही दिशा दिखायी । हिंदू संहति के केंद्रीय सह-अध्यक्ष, प्रख्यात वकील शांतनु सिंह ने बंगाल में हिंदू हितों के लिए तपन घोष जी के योगदान का एक परिपूर्ण तस्वीर पेश की, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। तपन घोष जी की कहीं बातें , जैसे कि – “माटी कारो बापेर नोय, दापेर”, यानी”भूमि किसी के बाप या दादाओं-परदादाओं की नहीं होती, बल्कि उनकी होती है जो पराक्रमी हैं” (दूसरे शब्दों में, जमीन या स्वभूमि का अधिकार विरासत में नहीं मिलता, भूमि छीन लेनी पड़ती है अर्थात जिसकी लाठी उसकी जमीन), “यदि तुम एक जानवर हो, तो हम भूखे शिकारी हैं” आदि – वक्ताओं के भाषणों में बार-बार गूंजती रहीं।। फेसबुक लाइव पर इस कार्यक्रम की मेजबानी हिंदू संहति के केंद्रीय महासचिवों में से एक रजत राय ने की । कार्यक्रम का समापन जनता को एक स्पष्ट संदेश के साथ हुआ कि हिंदू संहति तपन घोष जी के अधूरे काम को उनके बताए उपायों-दिशानिर्देशों से ही पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।