Category: বিভাগবিহীন
गंगासागर मेले में बाइबिल वितरण
गंगासागर मेले में पुण्यस्नान को आये श्रृद्धालुओं के बीच ईसाइयों के धर्मग्रंथ बाइबिल की प्रतियां बांटी गईं,जिसे लेकर किसी को कोई परवाह नहीं !
अलीपुरदुआर की ईसाई युवती अपर्णा की सनातन हिंदू धर्म में घर वापसी

বীরভূমের মহম্মদ বাজারে সাম্প্রদায়িক উত্তেজনা, নামলো RAF –
গত শুক্রবার বিসর্জনের সময় হিন্দু মেয়েদের শ্লীলতাহানি করার চেষ্টা করে কিছু মুসলিম যুবক কিন্তু স্থানীয় হিন্দুদের দৃঢ়তায় তারা তাদের উদ্দেশ্যে সফল হয়না। আজ সকালে ঐ মুসলিম যুবকেরা অমিত ব্যানার্জী নামে এক ব্যক্তিকে মহম্মদ বাজারে বেধড়ক মারধোর করে। অমিত ব্যানার্জীকে মরণাপন্ন অবস্থায় ……..(বিস্তারিত )
हिन्दू संहति की महामिछिल
साथ आयें: 16 अगस्त “गोपाल मुख़र्जी स्मरण दिवस” मनायें
1946-47 की गणहत्या के दिनों में
हिन्दू वीर ‘गोपाल मुख़र्जी’ के बलिदान को प्रणाम।।
हम इतिहास की वामपंथी गलतियाँ सुधार के रहेंगे।
।। हिन्दू संहति की महामिछिल।।
प्रारम्भ स्थान : राजा सुबोध मल्लिक स्कॉयर। दोपहर – १ बजे।
समाप्ति : श्यामबाज़ार नेताजी मूर्ति के नीचे।
जब कुल 21सिखों ने 12हज़ार अफगानी लुटेरों के छक्के छुड़ा दिए और जीत लिया युद्ध
ये लड़ाई यूरोप के सभी स्कूलो मेँ पढाई जाती है पर हमारे देश में इसे कोई जानता तक नहीं
एक तरफ 12 हजार अफगानी लुटेरे …..तो दूसरी तरफ 21
सिख …….
अगर आप को इसके बारे नहीं पता तो आप अपने इतिहास से बेखबर है।
आपने “ग्रीक सपार्टा” और “परसियन” की लड़ाई के बारे मेँ सुना होगा …… इनके ऊपर “300” जैसी फिल्म भी बनी है ….पर अगर आप “सारागढ़ी” के बारे मेँ पढोगे तो पता चलेगा इससे महान लड़ाई सिखलैँड मेँ हुई थी …… बात 1897 की है …..
नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर स्टेट मेँ 12 हजार अफगानोँ ने हमला कर दिया …… वे गुलिस्तान और लोखार्ट के किलोँ पर कब्जा करना चाहते थे ….
इन किलोँ को महाराजा रणजीत सिँघ ने बनवाया था ….. इन किलोँ के पास सारागढी मेँ एक सुरक्षा चौकी थी ……. जंहा पर 36 वीँ सिख रेजिमेँट के 21 जवान तैनात थे ….. ये सभी जवान माझा क्षेत्र के थे और सभी सिख थे ….. 36 वीँ सिख रेजिमेँट मेँ केवल साबत सूरत (जो केशधारी हों) सिख भर्ती किये जाते थे ……. ईशर सिँह के नेतृत्व मेँ तैनात इन 20 जवानोँ को पहले ही पता चल गया कि 12 हजार अफगानोँ से जिँदा बचना नामुमकिन है …….
फिर भी इन जवानोँ ने लड़ने का फैसला लिया और 12 सितम्बर 1897 को सिखलैँड की धरती पर एक ऐसी लड़ाई हुयी जो दुनिया की पांच महानतम लड़ाइयोँ मेँ शामिल हो गयी ….. एक तरफ 12 हजार अफगान थे …..
तो दूसरी तरफ 21 सिख …….
यंहा बड़ी भीषण लड़ाई हुयी और 600-1400 अफगान मारे गये और अफगानोँ की भारी तबाही हुयी ….. सिख जवान आखिरी सांस तक लड़े और इन किलोँ को बचा लिया …….. अफगानोँ की हार हुयी ….. जब ये खबर यूरोप पंहुची तो पूरी दुनिया स्तब्ध रह गयी ……ब्रिटेन की संसद मेँ सभी ने खड़ा होकर इन 21 वीरोँ की बहादुरी को सलाम किया ….. इन सभी को मरणोपरांत इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट दिया गया ……. जो आज के परमवीर चक्र के बराबर था ……
भारत के सैन्य इतिहास का ये युद्ध के दौरान सैनिकोँ द्वारा लिया गया सबसे विचित्र अंतिम फैसला था …… UNESCO ने इस लड़ाई को अपनी 8 महानतम लड़ाइयोँ मेँ शामिल किया …… इस लड़ाई के आगे स्पार्टन्स की बहादुरी फीकी पड़ गयी …… पर मुझे दुख होता है कि जो बात हर भारतीय को पता होनी चाहिए …… उसके बारे मेँ कम लोग ही जानते है …….ये लड़ाई यूरोप के स्कूलो मेँ पढाई जाती है पर हमारे यहा जानते तक नहीँ
इसरत जहान केसः नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए चिदंबरम ने तथ्यों से की छेड़छाड़!
गुजरात के इशरत जहां एनकाउंटर केस में हाल के दिनों में लगातार कई खुलासे हुए हैं।इन खुलासों की कड़ी में एक और खुलासा हुआ है। समाचार चैनल टाइम्स नाउ ने इशरत जहां केस में पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम की भूमिका को लेकर बड़ा खुलासा किया है। टाइम्स नाउ के मुताबिक इशरत जहां केस में केंद्र सरकार की दाखिल किए गए पहले हलफनामे पर पी चिदंबरम ने साइन किए थे।
टाइम्स नाउ का कहना है किइशरत जहां केस से संबंधित फाइलें उसके पास हैं जो RTI के जरिए हासिल की गई हैं। चैनल का कहना है कि इशरत केस की फाइलें इशारा कर रही हैं कि पी चिदंबरम ने एस केस में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की थी। लगभग 70 पन्नों वाली इशरत जहां केस की फाइल में सरकारी नोटिंग्स, साइन, कानूनी दस्तावेज, और कई अटैचमेंट्स हैं जिन्हें पहले कभी सार्वजनिक नहीं किया गया था। इस खुलसे के बाद एक बार फिर से पी चिदंबरम इस केस के केंद्र में आ गए हैं।
इस खुलासे के मुताबिक इशरत जहां से जुड़े पहले हलफनामे में पी चिदंबरम ने बदलाव किए थे। हालांकि चिदंबरम इस से इंकार करते रहे हैं। आपको बता जदें कि पहले हलफनामे में इशरत जहां को आतंकवादी बताया गया था जो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के मिशन पर थी। नए खुलासे के मुताबिक उस हलफनामे को खुद पी चिदंबरम ने मंजूरी दी थी। अब सवाल खड़ा हो रहा है कि जब पहले हलफनामे को चिदंबरम ने मंजूरी दी थी तो दूसरे हलफनामे की जरूरत क्यों पड़ गई।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पहला हलफनामा दाखिल करने के कुछ दिनों बाद ही केंद्र सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में दूसरा हलफनामा दाखिल किया था। इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने अपना स्टैंड बदलते हुए कहा था कि इशरत आतंकी नहीं थी। दूसरे हलफनामे में कहा गया कि इशरत के खिलाफ कोई निर्णायक सबूत नहीं है। इस खुलासे के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर अभी तक प्रतिक्रिया नहीं आई है। साफ है कि ये खुलासा एक बार फिर से सिय़ासत को गरमाने के लिए काफी है।
रोहतास में मुस्लिम समुदाय के जुलूस में खुलेआम लगे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे
प्राप्त जानकारी के अनुसार ये नारे रामनवमी के दिन निकले भव्य जुलूस से खफा मुस्लिम समुदाय के लड़कों द्वारा लगाए गए हैं । लड़के इतने खफा थे कि जुलूस के दौरान आरा से सासाराम जा रही एक ऑल्टो कार वाले की पिटाई भी कर दी। विरोध करने पर कार के शीशे तोड़ दिए
शरई कानून वाले देश में चले जाएं शरीयत की वकालत करने वाले : आदित्यनाथ
अपने विवादित बयानों के लिये अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने शरई कानूनों में अदालतों के जरिये दखलंदाजी पर आपत्ति दर्ज कराने वाले ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर हमला करते हुए कहा कि ऐसा कहने वालों को शरीयत कानून से चलने वाले देश चले जाना चाहिये।
आदित्यनाथ ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बोर्ड ने शरई कानून में दखलंदाजी का आरोप लगाया है, मगर भारत शरीयत से नहीं चलेगा। यह देश एक संविधान और विधान से चलेगा। शरई कानून में हस्तक्षेप ना करने की मांग उठाने वाले लोगों को ऐसे मुल्क चले जाना चाहिये जहां यह कानून लागू हो।
उन्होंने कहा कि अदालतों के जरिये शरीयत में हस्तक्षेप के आरोप वाला बोर्ड का बयान दरअसल न्यायालय की अवमानना के दायरे में आता है। मालूम हो कि ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शनिवार को आरोप लगाया था कि अदालतों के जरिये मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप किया जा रहा है और वह केन्द्र से अपील करता है कि शरई कानून का अस्तित्व बनाये रखने के पिछली सरकारों के रुख पर कायम रहा जाए।
बोर्ड के सदस्य जफरयाब जीलानी ने बोर्ड की कार्यकारिणी समिति की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि अदालतों के जरिये पर्सनल ला में दखलंदाजी की जा रही है। उच्चतम न्यायालय में हाल में तलाक के एक मामले समेत कई प्रकरण आये हैं।
उन्होंने कहा था कि बोर्ड की सरकार से अपील है कि शरीयत में किसी तरह की मदाखिलत (हस्तक्षेप) ना हो। पूर्व में जिस तरह से सरकारों शरीयत कानून को लेकर सकारात्मक रुख रहा है, वही अब भी कायम रहे।
बिहार के सिवान में रामनवमी जुलूस पर पथराव, फायरिंग
रामनवमी के अवसर पर राज्य के मंदिरों में भीड़ उमड़ रही है। शोभा यात्राएं निकाली जा रही हैं। इस दौरान गोपालगंज व सिवान में चार जगह हिन्दु-मुसलमान, दो गुटों में जमकर पथराव हुआ। इन घटनाओं में कई लोग घायल हो गए। सिवान में मुसलमान उपद्रवियों ने फायरिंग की। पुलिस ने भी हवाई फायरिंग की। गोपालगंज में हिंसक भीड़ ने आगजनी की तथा करीब आधा दर्जन बाइक फूंक दिए।
उधर, राजधानी पटना के महावीर मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए आगे बढ़ने के क्रम में कुछ क्षणों के लिए अफरा-तफरी का माहौल हो गया। इस हल्की भगदड़ में दो-तीन भक्त घायल हो गए। सिवान के नवलपुर में दो गुटों के बीच विवाद हो गया। देखते-देखते तोडफ़ोड़ व पथराव होने लगा। असामाजिक तत्वों ने कई गाडिय़ों के शीशे भी तोड़ दिए। बताया जाता है कि इस दौरान भीड़ में फायरिंग भी की गई।
रामनवमी को निकली भगवान श्रीराम की शोभा यात्रा के दौरान गोपालगंज तथा मीरगंज नगर में दो हिन्दी और मुसलमान समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों जगह शोभा यात्राओं पर पथराव से माहौल बिगड़ गया। हालांकि, हालात बिगड़ते देख मौके पर भारी संख्या में पहुंची पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया।